नोटबंदी

आज एक अम्मा जी आये थे, अपनी साड़ी के पल्लू की गांठ में बंधे हुए कुछ पैसे थे, उनमे एक 500 का नोट था लेकिन पुराना वाला जो नोटबन्दी में बंद हो गया, शायद उन्हें तब किसी ने ये बात बताई ना हो या, उन्हें समझ ना आया हो कि इसे बदलवाना चाहिए, मैंने कहा अम्मा जी अब तो ये नही जाएगी…

वह बिना कुछ बोले, अपने काँपते हाथो से वापस नोट साड़ी में बांधकर, उदास भाव लिए चले गये, बहुत बुरा लगा, जाने कितने जतन से जोड़े होंगे, कितने सहेज कर रखें होंगे ।

हमारे लिए जो हो सकता है महज कुछ रुपये हो, किसी के लिए बहुत बड़ी रकम हो सकती है, ठीक ऐसा ही भावनाओं के संदर्भ में भी है, हमारे लिए जो मामूली सी बात हो किसी के लिए वो इतनी बड़ी हो कि उसे अंतर्मन तक आहत कर जाए, आइए इंसानियत जिंदा रखते हैं, छोटी छोटी खुशियों से सबका जीवन मधुमय बनाते हैं ।

मन

#मन

Published by mann

अनकहे एहसासों से शब्दों में ढलते जज्बातों की कहानी......या यु कहूँ की वो बातें जो होठो तक आकर ही रुक सी जाती है.....उन बातों की किताब है...... yeh_jindagi

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